Sunday, June 30

आहट


हसीं फिजाओं में उनके आने की आहट सी है
झिझकती पलकें हैं झुकी, रुखसार पर सुर्खी सी है
क्या कहें, क्या नहीं, के लफ्ज़ थम से गए हैं
दर-ए-यार पर इश्तिआक निगाहें टिकी हैं
इश्क की बौछारों का इंतज़ार है इस शुष्क दामन पर
के फिजाओं में होती हर आहट से हर नफ़्स जुड़ी हुई है

पत्तों की सरसराहट में क़दमों की आहट सी है
नज़रों में है शरारत, सुर्ख लबों पर नमी सी है 
कैसे करें दास्ताँ-ए-हसरत बयान, के लफ्ज़ थम से गए हैं
इश्तिआक़ बाहें इंतज़ार-ए-आगोश में फैली हुई हैं 
इश्क की बौछारों का इंतज़ार है इस शुष्क दामन पर
के पत्तों पर होती हर आहट से हर नफ़्स जुड़ी हुई है

गुलों की खुशबू में उनकी महक की आहट सी है 
ज़हन में है अक्स, साँसों में उनकी हस्ती सी है 
कैसे संभलें के अलफ़ाज़-ए-उल्फत दायरे लांघ रहे हैं 
थिरकते क़दमों में उनकी खनक बसाये जा रहे हैं 
इश्क की बौछारों का इंतज़ार है इस शुष्क दामन पर
के गुलों पर होती हर आहट से हर नफ़्स जुड़ी हुई है 



हसीं फिजा = Beautiful Surroundings                 रुखसार = Cheeks
दर-ए-यार = Lover's door                                लफ्ज़ = Words
इश्तिआक  निगाहें = Craving Eyes                      सुर्ख = Red   
दास्ताँ-ए-हसरत = Story of Desire                     शुष्क = Dry 
इश्तिआक़ बाहें = Craving Arms                          नफ़्स = Breath
अलफ़ाज़-ए-उल्फत = Words of Love                  आगोश = Hug 
महराब-ए-जान = Core of the Heart                   दायरे = Boundaries
खनक = Sweet Rhythmic Sound                       अक्स = Reflection 



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