Friday, February 10

कहनी है...


कुछ अपनी कुछ उनकी है कहनी
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

बंधे हैं तार उन संग हमारे
पिरो के कुछ मोती बनेगी
कुछ मेरी कुछ उनकी कहानी
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

सपनों की ओंस और पलकें हमारी
ढलक जाती है ज्यों तुम आते हो
जमा हो कहने कुछ और ही कहानी  
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

जीवन दरिया के बहते पानी में
कतरा कतरा संजोते हैं यादें
बीते हुए पलों की एक खोयी कहानी
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

काश के तुम मेरे हो पाते
पलकों पर बैठाते, दिल में बसाते
रचते न यूँ अकेले उम्मीदों की ये कहानी
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

कुछ अपनी कुछ उनकी है कहनी
कहनी है, बस छोटी सी एक कहानी

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