Sunday, October 21

...और



दोस्ताना पल, आशिकाना पल, खुशियों के सौगातों के वो हसीन पल...
..........................................और तेरे न आने का गम...

रूमानी यादें, आतिशीन यादें, यादों की खुशनुमा बरसातें...
.........................................और तेरे न आने का गम...

पलकों की चिलमन से अश्कों का बयार, सुर्ख नैनों की गुहार...
.........................................और तेरे न आने का गम...

नम लबों की थरथराहट, गर्म साँसों की खामोश पुकार...
.........................................और तेरे न आने का गम...


तन्हा हम, तन्हा तुम, तन्हा ये दिल, तन्हाइयों भरा ये समां...
.........................................और तेरे न आने का गम...

आती जाती रुक रुक चलती सांसें, सिसकती दिल-खराश आहें...
.........................................और तेरे न आने का गम...

आमद-ओ-रफ्त की चाह, रूबरू होने की कशिश, हमारी दिली कोशिश...
.........................................और तेरे न आने का गम...





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