when life served love on a platter swearing, pushing it roughly away as in a swamp footsteps begin to falter looking around for a familiar way running around in concentric circles trying in-vain to reflect in shadow settling in for pretentious doubles ignoring love that stood by with a bow cherishing haunting ghosts of past neglecting lingering angels of love when hope died under gloom's cast love blossomed again in heart's cove life looks promising for a while now days of smiles 'n blushes, love 'n passion living on an edge as life would endow oblivious when destiny will turn it ashen
हर मुलाकात बेसब्र सी गुज़रती है लबों पर हर बात आ आ कर थमती है रोज़ सोचते हैं करेंगे गुज़ारिश उनसे क्या, कैसे कहें कुछ उनसे ... के उन्हें देख निगाह भी ख़ामोशी ओढ़ लेती है ------------------------------------------------------- यादों के नशे में गर हम चूर हुए होते उनकी इबादत से ही गर दूर हुए होते न देख पाते उनकी निगाहों में अक्स अपना गर उनके ख़्वाबों के दायरे से दूर हुए होते ------------------------------------------------------- ख़्वाबों की ताबीर गर हमने की होती उस रोज़ यादों, ख्वाइशों में न यूँ गुज़री होती तन्हाँ रातें कर देते गर हाल-ए-दिल बयान उनसे उस रोज़ हसरतों का दामन थामें न यूँ गुज़री होती तन्हाँ रातें पलट कर हमने जो देखा आज उन सूनी राहों को उनसे जुदा होते हुए भी न यूँ गुज़री थी तन्हाँ रातें पलकों की चिलमन में सदा था अक्स उनका उनके ख्यालों में ही यूँ गुज़री थी वो ख्वाबिदा रातें -------------------------------------------------------
पलकों पर लिए उनके अक्स के निशाँ रूबरू हुए हम उनसे उन्हीं के दर पर बेताब निगाहें जो मिली दायरों में सिमट बयान-ए- इश्क हुआ उन्हीं के दर पर हसरतों का ज़िक्र हुआ निगाहों-निगाहों में आगोशकुषा हुए उनसे उन्हीं के दर पर यकायक इल्म हुआ दूरियां न थीं कभी दरमियान के साया बन संग थे वो हमेशा हर तह दर पर
------------------------------------------------------- ख्वाबिदा = Full of Dreams आगोशकुषा = Embrace यकायक = Suddenly तह दर = Closed Door