पल पल कर दिन बीते, पल पल कर रातें
यादों के कुछ खुशनुमा, कुछ फ़सुर्दा पल
कुछ उनके आगोश की गहराईयों में बीते
दास्ताँ-ए-हसरत सुनाते बीते अब सारे पल
पल पल कर दिन बीते, पल पल कर रातें
ख्यालों के कुछ सौंधे, कुछ नम पल
कुछ तेरे संग सूफियाना लम्हें संजोते बीते
याद-ए-ऐय्याम में बीते अब सारे पल
पल पल कर दिन बीते, पल पल कर रातें
तस्सव्वुर के कुछ सोज़, कुछ सर्द पल
कुछ तेरे संग रूमानी गुफ़्तगू करते बीते
हार-ए-अल्फ़ाज़ पिरोते बीते अब सारे पल
पल पल कर दिन बीते, पल पल कर रातें
कुछ तेरी, कुछ मेरी ज़िन्दगी से चुराए पल
कुछ तेरी निगाहों के दामन में बीते
अक्स-ए-उल्फत सजाये बीते अब सारे पल
पल पल कर दिन बीते, पल पल कर रातें
कुछ तेरे, कुछ मेरे तन्हां पल
कुछ तेरी दुआओं के साये में बीते
इज़हार-ए-तमन्ना में बीते अब सारे पल
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