गुज़रती सर्द हवाओं की सरसराहट
गरजते बादलों की गड़गड़ाहट
बारिश से होती मौसम की हलचल
नदियों में गुज़रते पानी की कल कल
पेड़ों पर बैठी चिड़ियों की चहचहाहट
प्रकृति के रंगों में डूबी हर आहट
ख़ूबसूरत फूलों से सजे बागान
फसल से हरे भरे खेत खलिहान
समंदर की लहरों का सुरीला शोर
चांदनी रातों में तारों की शीतल डोर
पत्तों पर पड़ी ओंस की बूंदों की आन
प्रकृति के रंगों में डूबी मनुष्य ही शान
पर्वतों की ऊंची बर्फ़ीली चोटियाँ
झाड़ियों से आती झींगुरों की सीटियां
बोल उठता है प्रकृति का हर रूप
प्रकृति में ढलता मानव का स्वरुप
लहकती डगर से गुज़री पेड़ों की डालियाँ
प्रकृति के रंगों से सराबोर खूबसूरत गलियां
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