Thursday, July 19

कुछ मोती...


जिंदगी के समंदर में,
समय के साये से गुज़रे,
यादों की सीपियों में दफन,
ख्यालों के कुछ खूबसूरत मोती...


निगाहों से निकले,
चश्मे-ए-तर से ढुलके,
थरथराते लबों पर थमें, 
मेरे ख़्वाबों के कुछ खूबसूरत मोती...


नज़रों से गुज़रे,
पलकों में बसे,
मुस्कुराहटों से सजे,
उनकी यादों के कुछ खूबसूरत मोती...


हथेलियों से समेटे,
बीते लम्हों के रेत से कण,
हमारी बंद मुठ्ठीयों से फिसलते,
संजोई हुई खुशियों के कुछ खूबसूरत मोती...


कोमल सीप से जन्मे,
सुकून-ए-रूह की पाक अलामत,
बैहर-ए-हयात के ज़लज़ले से उभरे,
दिल-ए-नासूर बने कुछ खूबसूरत मोती...


जिंदगी के समंदर से निकले,
ख्यालों के...
     ख़्वाबों के...
          यादों के...
             खुशियों के...
                    दिल-ए-नासूर बने...
....................... कुछ खूबसूरत मोती !!


बैहर-ए-हयात = Ocean of Life
अलामत = Symbol
चश्म-ए-तर = Eyes filled with Tears



1 comment:

  1. dard ki seepiyon ki khol me chhupe man ko chubh rahe teri ruswai ke bedardde moti...

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