Saturday, June 16

तुम याद आये...



"तुम याद आये..." लिखी गयी क्योंकि तुम बहुत याद आये... 


बरखा का यह सीला मौसम, तुम याद आये...
नम ज़मीन की सौंधी खुशबू, तुम याद आये...
हलकी सर्द नसीम-ए-सहर, तुम याद आये...
मोगरे की भीनी महक, तुम याद आये... 


गलियारे में बरसती बूँदें, तुम याद आये...
कॉफी की दिलकश खुशबू, तुम याद आये...
रह रह इठलाती नम सबा, तुम याद आये...
जूही की मनमोहक महक, तुम याद आये... 


सामने से आती यह सूनी राहें, तुम याद आये...
दिल से निकलती एक सोज़ आह, तुम याद आये...
मैं और यह सर्द शब्-ए-तन्हाई, तुम याद आये...
ज़हन में तुम्हारे आगोश की महक, तुम याद आये...


तुम याद आये... तुम याद आये... तुम याद आये... 
क्या करें अब हम, के तुम बहुत याद आये...

1 comment:

  1. yaad aane se pahle tum aa jaya karo ..... nyc expression of the feelings...

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