स्वर्ग में लिखी या कही गयी जुबानी
है हर किसी की यही अमर कहानी
धरती पर सुलगाई गयी चिंगारी
जाओ बगैर चालें जाने खेलो ये पारी
चाहें मिया बीवी हों या न हों राज़ी
दोहराना पड़ेगा वही जो कहेगा क़ाज़ी
असमंजस में है बेचारा भगवान
ढूंढ रहा किधर है राम, कौन है हैवान
चकित है रोज बदलते रिश्तों के कारण
बूझ रहा किस सीता को किसे करे कैसे अर्पण
शतरंज की इतनी बड़ी बिसात पर चलते
जोड़-तोड़ गुण-गणित की चालें सोचते
सुलझाते वही एक झोल बारमबार
अस्तव्यस्तता में गुम हो आखिरकार
निम्न दो पंक्तियों को ही दे पाता है तूल
"लंगूर हाथ हूर", "बबून संग जूही का फूल"
Dilemma
ReplyDeleteWritten or oral Heaven tells
the story of everyone's immortal
spark was Sulgai on earth
go without the play moves the shift
may or may not agree wife Mia
will repeat what Kazi says
God confused the poor
Finding Where's the ram, is the devil who
is appalled by daily changing relationship
Sita whom comprehension which is devoted to how
to move on the chess board such a
manipulation properties - think of math tricks
that solves a litter Barmbar
be lost in chaos After all
the hype would have given the following two lines
"baboon hand Hur", "Juhi baboons with flowers"
क्या दादा ... झुम्मा झुम्मा पढते हो मेरी पोएम और उसका भी यह हश्र करते हो :O... वैसे it's still making sense... नया अंदाज़-ए-बयाँ :D
ReplyDeleteI do sensible translations .. its only that u ppl dont aprove of it ..
ReplyDeleteMere efforts ki kisiko kadar hi nahi hai .. :P
दादा ऐसी हमारी जुर्रत कहाँ के आपकी तहे-दिल से की गयी कोशिश को नकारें ... कदर है तभी तो कहा... "नया अंदाज़-ए-बयाँ" :D
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