भारतीय सैनिक भारतीय राजनेता
सर कटा सकते हैं लेकिन सर काट सकते हैं लेकिन
सर झुका सकते नहीं सर झुका सकते नहीं
मातृभूमि की सरहद, माता पर दाव लगा,
धरोहर की रक्षा करना भूमि की भिक्षा मांगना
परम कर्तव्य है इनका यही एक मात्र ध्येय है इनका
सरहद पर हो खतरा तो कैसी सरहद, कैसा देश
धरोहर की रक्षा करना भूमि की भिक्षा मांगना
परम कर्तव्य है इनका यही एक मात्र ध्येय है इनका
सरहद पर हो खतरा तो कैसी सरहद, कैसा देश
कैसी जान, कैसा खानदान फ़िक्र है सिर्फ सत्ता की इन्हें,
गंवाने से सब ये चूकते नहीं जिसका त्याग ये करते नहीं
भूख हड़ताल कर सकते हैं लेकिन अत्याचार कर सकते हैं लेकिन
अत्याचार सह सकते नहीं धान्य दे सकते नहीं
जनता के रक्षक हैं लेकिन जनता के भक्षक हैं लेकिन
इनकी सेवाओं का कोई मोल नहीं इनके कर्मकांडों पर कोई रोक नहीं
सरहदें तोड़ सकते, देश की आन, बान, शान के धारक हैं
नक़्शे बदल सकते हैं ये लेकिन देश का हाल हो कुछ भी, कैसा भी
देश की आन में आंच आने दे सकते नहीं पर स्वयं पर आंच आने दे सकते नहीं
शान्ति का पैगाम ले, या सरहद पर लड़ते हुए शान्ति का पैगाम सिर्फ एक बहाना है
शहीद हों हम मातृभूमि के लिए हमें तो सिर्फ अपना वोट बैंक बढ़ाना है
चैन से जिये भारत की आवाम भर झोलियाँ विदेशों की
सरहद पर इसलिए सुकून से रह सकें इसलिए
बेहिचक खुद को कुर्बान करते हैं हम बेहिचक जनता को कुर्बान करते हैं हम
शहीद हों हम मातृभूमि के लिए हमें तो सिर्फ अपना वोट बैंक बढ़ाना है
चैन से जिये भारत की आवाम भर झोलियाँ विदेशों की
सरहद पर इसलिए सुकून से रह सकें इसलिए
बेहिचक खुद को कुर्बान करते हैं हम बेहिचक जनता को कुर्बान करते हैं हम
सवाल एक ही है हमारे ज़ेहन में... सवाल एक ही है हमारे ज़ेहन में भी...
क्या गोलियों की बौछार सहते हैं हम इसीलिए क्या करें ऐसा की वोट मिले बगैर जोख़िम लिए
के बुलेट प्रूफ वेस्ट पहने राजनेताओं को देखें लूट सकें इस देश को कंगाली के कागार तक
देश की धरोहर और जनता की आबरू यूँ लूटते हुए? और रहें सत्ता में बगैर देश का भला किये?
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