हर रिश्ता
लम्हों की एक महफ़िल है
खुशियों का एक सफ़र है
ओंस की ठंडी छुअन है
महकता एक गुलिस्तान है
हर बीता पल इनमें
कल यादों का एक कारवाँ होगा
गुज़रे वक़्त का एक धुंधलाता हर्फ़ होगा
ग़मों के स्याह दामन में एक आसरा होगा
राहों की वीरानियों में एक नखलिस्तान होगा
उनकी महक, आगोश उनका
उनकी मोहब्बत, साथ उनका
आज है, न होगा पास कल
ये लम्हें, ये यादें, ये पल
यादें बन गुज़र जाएंगे
हम तुम दोनों पल दर पल
एक इल्तेजा, एक गुजारिश है
संजो कर रखें जो है पास आपके
आगोश में लें उसे जो है करीब आपके
शक न करें उन पर जो हैं सिर्फ आपके
खूबसूरत है हर रिश्ता जो है दायरे में आपके
गुज़र जाएगा हर सफ़र नजराना तकते
गुबार-ए-कारवाँ में आशकारा राह तकते
और...
ये लम्हों का काफिला... कल यहाँ न होगा
ये यादों का कारवाँ... कल यहाँ न होगा
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