Saturday, November 24

रिश्ते



हर रिश्ता 

लम्हों की एक महफ़िल है 
खुशियों का एक सफ़र है 
ओंस की ठंडी छुअन है 
महकता एक गुलिस्तान है

हर बीता पल इनमें 

कल यादों का एक कारवाँ होगा
गुज़रे वक़्त का एक धुंधलाता हर्फ़ होगा 
ग़मों के स्याह दामन में एक आसरा होगा
राहों की वीरानियों में एक नखलिस्तान होगा

उनकी महक, आगोश उनका 

उनकी मोहब्बत, साथ उनका 
आज है, न होगा पास कल 
ये लम्हें, ये यादें, ये पल 
यादें बन गुज़र जाएंगे
हम तुम दोनों पल दर पल

एक इल्तेजा, एक गुजारिश है 

संजो कर रखें जो है पास आपके
आगोश में लें उसे जो है करीब आपके 
शक न करें उन पर जो हैं सिर्फ आपके
खूबसूरत है हर रिश्ता जो है दायरे में आपके


गुज़र जाएगा हर सफ़र नजराना तकते

गुबार-ए-कारवाँ में आशकारा राह तकते 
और...
ये लम्हों का काफिला... कल यहाँ न होगा
ये यादों का कारवाँ... कल यहाँ न होगा     


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